रायपुर:- राजधानी सहित प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर रोक संबंधी स्वास्थ्य विभाग के आदेश को लेकर पत्रकारों के व्यापक विरोध के बाद राज्य सरकार को पीछे हटना पड़ा है। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने सोमवार को उक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की घोषणा की। मंत्री ने स्पष्ट किया कि पत्रकारों की आपत्तियों के मद्देनज़र यह निर्णय लिया गया है और भविष्य में किसी भी संशोधित आदेश से पहले मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मीडिया हमारा आईना है। हमारी व्यवस्था में जहां कोई खामी होती है, मीडिया उसे तत्काल उजागर करता है, जिससे हम समय रहते उसे सुधार सकें। हमारा उद्देश्य कभी भी मीडिया कवरेज को रोकना नहीं रहा।” मंत्री ने बताया कि वर्तमान में स्वास्थ्य सचिव विदेश दौरे पर हैं। उनके लौटते ही आपत्ति वाले बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और आवश्यक संशोधन पत्रकारों की सहमति से ही किए जाएंगे।
मंत्री जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि संबंधित अधिकारियों को भी निर्देशित कर दिया गया है कि आदेश पूरी तरह निरस्त माना जाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि आगे प्रेस क्लब और मीडिया प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर ही कोई भी आदेश जारी किया जाएगा।
प्रेस क्लब ने जताया स्वागत
प्रेस क्लब रायपुर के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने मंत्री के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, “यह फैसला लोकतंत्र की जीत है। मीडिया पर रोक लगाने वाला जो आदेश जारी किया गया था, वह तुगलकी और तानाशाही था। हमारी यही मांग थी कि इस तरह के आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने हमारी मांग को गंभीरता से लिया, इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।”
सड़क पर उतरे थे पत्रकार, किया था आदेश का दहन
ज्ञात हो कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी इस आदेश के विरोध में रायपुर सहित पूरे प्रदेश के पत्रकार सड़कों पर उतर आए थे। राजधानी के अंबेडकर चौक पर पत्रकारों ने आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और चेतावनी दी थी कि यदि तीन दिन के भीतर आदेश वापस नहीं लिया गया, तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया जाएगा।
लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका अहम
विशेषज्ञों और पत्रकार संगठनों का मानना है कि लोकतंत्र में मीडिया की स्वतंत्रता और अस्पतालों जैसी जनसरोकार की संस्थाओं में पारदर्शिता बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। मीडिया के लिए कवरेज की स्वतंत्रता को सीमित करना जनहित के खिलाफ है।
अब जब सरकार ने आदेश को वापस ले लिया है, पत्रकारों और प्रशासन के बीच संवाद की एक नई शुरुआत होने की उम्मीद की जा रही है। मंत्री द्वारा सुझाई गई आपसी चर्चा की प्रक्रिया से न केवल विवादों से बचा जा सकेगा, बल्कि जनहित के मुद्दों पर मीडिया और सरकार की साझेदारी भी मजबूत होगी।