भिलाई ( विशेष सवाददाता ):- विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर 14 जून को आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में कवर्धा जिले के जनसेवक हरीश साहू को उनके सामाजिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान रेड ड्रॉप फ्रेंड्स क्लब छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में कर्मा भवन, सुपेला, भिलाई में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया गया।
समारोह में प्रदेश भर से समाजसेवी संस्थाओं और नियमित रक्तदाताओं को सम्मानित किया गया। इसी श्रृंखला में नयी चमक रक्तदान एवं जनकल्याण समिति के संस्थापक एवं जिलाध्यक्ष हरीश साहू तथा महासचिव कुंजबिहारी साहू को प्रदेश प्रवक्ता अमित साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में भगवान श्रीराम का चित्र एवं स्मृति चिन्ह (मूमेंटो) भेंटकर सम्मानित किया गया।
जनसेवा में अनवरत योगदान
हरीश साहू, जो पिछले आठ वर्षों से लगातार रक्तदान, गौसेवा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं, आज कवर्धा जिले में एक अलग पहचान बना चुके हैं। रोजाना आने वाले लगभग 50 से अधिक मरीजों के फोन कॉल्स को वे स्वयं सुनते हैं और हर पीड़ित व्यक्ति तक पहुँचकर उसकी मदद करते हैं। उनकी यह विशेषता — “अपने दुःख को भूलकर दूसरों के दुःख में सहभागी बनना” — ही उन्हें आम लोगों से अलग बनाती है।
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी मिली पहचान
यह उल्लेखनीय है कि हरीश साहू को 23 मार्च को भी भिलाई में राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त हुआ था। वे इससे पहले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित हो चुके हैं। 14 जून को उन्हें फिर से राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त होना इस बात का प्रमाण है कि उनकी सेवा यात्रा लगातार समाज में सकारात्मक प्रभाव छोड़ रही है।
पिता से मिली प्रेरणा, सेवा बना जीवन का उद्देश्य
हरीश साहू ने इस अवसर पर कहा,
“मेरे आज तक के सभी सामाजिक कार्यों की प्रेरणा मेरे पिता सुदर्शन साहू जी से मिली है। उन्होंने जनप्रतिनिधि और समाजसेवी के रूप में अनेक ऐतिहासिक कार्य किए हैं, जो आज भी लोगों के बीच प्रेरणा का स्रोत हैं।”
उन्होंने कहा कि अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए उन्होंने जीवन में सेवा को ही अपना उद्देश्य बना लिया है।
“सेवा करना आसान नहीं, लेकिन यही मेरी पहचान”
हरीश साहू ने आगे कहा,
“रोजाना अपने निजी काम छोड़कर मरीजों की मदद के लिए समय निकालना आसान नहीं होता। लेकिन जब किसी जरूरतमंद को मदद मिलती है, तो उसकी मुस्कान मेरी सबसे बड़ी पूंजी बन जाती है।”
उनका मानना है कि आज के समय में निःस्वार्थ सेवा सबसे कठिन कार्यों में से एक है, लेकिन वही व्यक्ति समाज में मिसाल बनता है जो समय और स्वार्थ से ऊपर उठकर कार्य करता है।
“ईर्ष्या और बाधाएं आएंगी, लेकिन रुकना नहीं है”
हरीश साहू ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि,
“जब आप समाज के लिए कुछ अच्छा करते हैं तो कुछ लोग आपसे ईर्ष्या करेंगे, आपके कार्यों में बाधाएं उत्पन्न करेंगे। लेकिन इन बाधाओं से घबराने की बजाय उन्हें हथियार बनाकर आगे बढ़ना चाहिए। सेवा का मार्ग कठिन है, लेकिन सबसे पवित्र भी।”
युवाओं के लिए एक प्रेरणा
हरीश साहू का सेवा भाव आज के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है। उनके द्वारा किया गया रक्तदान अभियान, गौसेवा, जरूरतमंद मरीजों की सहायता और सामाजिक जागरूकता के कार्य लगातार समाज को नई दिशा दे रहे हैं।
इस सम्मान समारोह के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि निःस्वार्थ भाव से किया गया सेवा कार्य समाज को जोड़ता है, और हरीश साहू जैसे जनसेवक उस जोड़ का मजबूत सूत्र हैं।
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