डोंगरगढ़:- किसी अपने को अंतिम विदाई देना पहले ही एक भावनात्मक रूप से कठिन क्षण होता है, लेकिन जब यह प्रक्रिया गंदगी और दुर्गंध के बीच करनी पड़े, तो यह दर्द और भी बढ़ जाता है। डोंगरगढ़ नगर के वार्ड नंबर 01 स्थित मुक्तिधाम की दुर्दशा ने लोगों के लिए अंतिम संस्कार को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। यह पवित्र स्थल अब कचरे के अंबार में तब्दील हो चुका है, जहां सफाई के नाम पर केवल औपचारिकताएं निभाई जा रही हैं।
मुक्तिधाम में गंदगी और दुर्गंध का साम्राज्यशहर के इस प्रमुख मुक्तिधाम में नगर पालिका की लापरवाही साफ झलकती है। सफाईकर्मी मौजूद होने के बावजूद यहां की स्थिति बेहद दयनीय है। कचरे का ढेर, दुर्गंध और गंदगी के कारण यहां अंतिम संस्कार करना बेहद कठिन हो गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण यह मुक्तिधाम अब कचरा डंपिंग जोन बन चुका है।
बाउंड्रीवॉल नहीं, जानवर शव के अवशेषों से कर रहे छेड़छाड़इस मुक्तिधाम में बाउंड्रीवाल तक नहीं है, जिसके कारण यहां खुले में अंतिम संस्कार करने की मजबूरी है। अधजली लकड़ियों के बीच मवेशी शव के अवशेषों से छेड़छाड़ करते देखे गए हैं। यह स्थिति न केवल मृतकों के प्रति अनादर दर्शाती है बल्कि समाज की संवेदनहीनता को भी उजागर करती है।
नगर पालिका की घोर लापरवाहीस्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार नगर पालिका से इस समस्या के समाधान की मांग की गई, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिले। कचरा प्रबंधन के अभाव और नियमित सफाई न होने के कारण मुक्तिधाम की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
स्थानीय नागरिकों की मांगवार्ड के नागरिकों ने प्रशासन से अपील की है कि मुक्तिधाम की साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए और इसे कचरा डंपिंग जोन बनने से रोका जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि यहां बाउंड्रीवाल का निर्माण हो, ताकि जानवरों द्वारा शवों के अवशेषों से छेड़छाड़ को रोका जा सके।
क्या नगर प्रशासन जागेगा?यह सवाल अब भी अनुत्तरित है कि नगर पालिका इस गंभीर समस्या का समाधान कब तक करेगी। जब तक प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता, तब तक परिजनों को अपने प्रियजनों की अंतिम विदाई ऐसे ही बदबू और गंदगी के बीच करनी पड़ेगी।