प्रमोद कुमार सोनवानी, पेंड्रा:- कबीरधाम जिले में मानसून की शुरुआत और ग्रामीण अंचलों में कृषि कार्यों के तेजी से प्रारंभ होते ही कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने नलकूप खनन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने का आदेश जारी कर दिया है। यह निर्णय किसानों और ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो सिंचाई और निजी उपयोग के लिए नलकूप खनन की अनुमति की प्रतीक्षा कर रहे थे।
कलेक्टर द्वारा जारी यह आदेश 30 जून 2025 को प्रशासनिक स्तर पर प्रभाव में आया। आदेश में उल्लेख किया गया है कि गर्मी के मौसम में भू-जल स्तर में अत्यधिक गिरावट और पेयजल संकट को देखते हुए छत्तीसगढ़ पेयजल संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत 8 अप्रैल 2025 से जिले में नलकूप खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था।
गौरतलब है कि इस प्रतिबंध के कारण न केवल ग्रामीणों को जल आपूर्ति में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, बल्कि कृषि कार्यों की तैयारी में भी बाधा उत्पन्न हो रही थी। जैसे ही मानसून सक्रिय हुआ और पर्याप्त वर्षा की स्थिति निर्मित हुई, जिला प्रशासन ने स्थिति की समीक्षा कर यह निर्णय लिया।
कृषि कार्यों को मिलेगी गति
अब प्रतिबंध हटने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को सिंचाई के लिए नलकूप खनन की अनुमति मिलने से खरीफ फसलों की बोआई में तेजी आएगी। साथ ही, जलस्तर में सुधार होने से नलकूपों की उपयोगिता और दीर्घकालिक लाभ की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।
भू-जल दोहन पर प्रशासन की सतर्क नजर
हालांकि प्रतिबंध हटाने के साथ ही कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि नलकूप खनन के दौरान निर्धारित मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। अवैध या अंधाधुंध खनन की स्थिति में संबंधित व्यक्ति अथवा फर्म पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों और किसानों ने जताया आभार
प्रतिबंध हटने की खबर से ग्रामीणों और किसान समुदाय में खुशी की लहर है। उनका कहना है कि प्रशासन ने समय पर निर्णय लेकर कृषि सत्र की तैयारियों में सहयोग किया है।