बिलासपुर:-शहर में दिन-प्रतिदिन अव्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था चिंता का विषय है ट्रैफिक पुलिस शहर की अव्यवस्तिथ ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने गंभीर नहीं है शहर में मनमर्जी का ट्रैफिक सिस्टम चल रहा है, जिससे आए दिन दुर्घटना की संभावना बनी रहती है ट्रैफिक पुलिस बिलासपुर को शहर की अव्यवस्तिथ ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने शहर के नागरिकों ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाया जा सके :-
🟡 ट्रैफिक नियमों के बारे में शहर के लोगों को जानकारी हो इसके लिए शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक साइन के बड़े होर्डिंग लगाया जाना चाहिए और इसके बारे में लोगों को चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा जागरुक किया जाना चाहिए और ट्रैफिक पुलिस बिलासपुर के फेसबुक पेज पर “आपकी बात, ट्रैफिक पुलिस के साथ” इस नाम से जागरूकता अभियान नियमित रूप से चलाया जाना चाहिए
🟡 शहर में नियमित रूप से अभियान चलाकर बिना परमिट व लाइसेंस के ऑटो व बस चलाने वालों के विरुद्ध चेकिंग अभियान चलाया जाना चाहिए व समस्त कागजात नहीं होने पर सीधे लाइसेंस रद्द करने की कार्यवाही ट्रैफिक पुलिस व आरटीओ को करना चाहिए और ऑटो व बस चालकों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य किया गया है, लेकिन फिर से ये इसका पालन नहीं करते इसकी भी नियमित रूप से जांच ट्रैफिक पुलिस व आरटीओ को करना चाहिए l ऑटो रिक्शा व बसों में विभिन्न जगहों की किराया सूची चस्पा कराया जाना चाहिए, जिससे तय स्थानों का वास्तविक किराया यात्री जान सके और ऑटो रिक्शा व बस वालों को चौक-चौराहों पर स्टॉपर लगाकर ही निकाला जाना चाहिए इसके लिए ट्रैफिक पुलिस के एक जवान की तैनाती किया जाना चाहिए, जिससे ऑटो व बस वालों की मनमानी पर लगाम लगाई जा सकेगी l
🟡 शहर में भारी व ओवरलोडिंग वाहनों से हाल ही में कई मौतें हो चुकी है, जो चिंतनीय है शहर में ऐसे वाहनों को ऑफिस टाइम व भीड़ भाड़ के समय पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और भारी वाहनों में रेडियम पट्टी व इंडिकेटर नहीं होने के कारण दुर्घटना की संभावना रहती है, इस पर ट्रैफिक पुलिस व
आरटीओ को ऐसे वाहनों पर सख्त कार्यवाही करना चाहिए
🟡 शहर में ट्रैफिक के प्रति जागरूक लोगों को ट्रैफिक पुलिस द्वारा “ट्रैफिक मितान” बनाया जाना चाहिए और उन्हें ट्रैफिक नियमों का प्रशिक्षण देकर शहर के प्रमुख चौक-चौराहों, व्यस्ततम क्षेत्रों व स्कूल-कालेजों के पास तैनात किया जाना और शहर में बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के लिए प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के जवानों की तैनाती किया जाना चाहिए, जो ट्रैफिक नियमों के उलंघन करने वालों के वाहनों को जब्त कर सख्त कार्यवाही कर सके l
🟡 शहर के बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नलों को दुरूस्त कर इसे शुरू किया जाना चाहिए और शहर में लगे सभी ट्रैफिक सिग्नलों की नियमित रूप से मानिटरिंग सुनिश्चित किया जाना चाहिए और अनावश्यक रूप से शहर के कई चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं, जिन्हें प्रशासन द्वारा हटाया जाना चाहिए, जिससे लोगों को ट्रैफिक जाम से निजात मिल सके और शहर का ट्रैफिक सुचारू रूप से चले और लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए शहर में वाहनों की पार्किंग के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा निर्धारित स्थान तय कर विभिन्न माध्यमों से लोगों को सूचित किया जाना चाहिए, जिससे वाहन चालक ट्रैफिक पुलिस द्वारा निर्धारित स्थान पर ही अपने वाहनों की पार्किंग करें और अव्यवस्तिथ रूप से वाहनों को खड़ा करने वालों के खिलाफ भी ट्रैफिक पुलिस को शहर में नियमित रूप से सघन चेकिंग अभियान चलाना चाहिए l
🟡 शहर में कामलेक्स व दुकानों पर वाहनों के पार्किंग के बजाए संचालकों द्वारा बेजा उपयोग किया जाता है, जिसे नगर निगम प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस को संयुक्त रूप से अभियान चलाकर बेजा-कब्जा हटाना चाहिए व ऐसे बेजा-कब्जा करने वाले कामलेक्स व दुकान संचालकों पर कड़ा जुर्माना लगाया जाना चाहिए l
🟡 शहर में आवारा मवेशियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और मवेशियों के बीच सड़क पर बैठने से आए दिन लोग घायल हो जाते हैं और रात के समय मवेशियों के बीच सड़क पर बैठने से मवेशी वाहन चालकों को दिखाई नहीं देते हैं, जिससे वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं और कई बार तो आवारा मवेशियों के कारण वाहन चालकों की मृत्यु तक हो जाती है ऐसे दुर्घटनाओं को रोकने ट्रैफिक पुलिस व निगम प्रशासन को संयुक्त रूप से शहरों व वार्ड स्तर पर काऊकेचर वाहन से आवारा मवेशियों को पकड़कर “गौ सदन” में रखा जाना चाहिए और आवारा मवेशियों की पहचान के लिए उनके गले में रेडियम पट्टी लगाई जानी चाहिए व गले में बड़े पूठठो में मवेशी मालिक का नाम, पता, मोबाइल नम्बर आदि लिखा जाना चाहिए, जिससे प्रशासन को आवारा मवेशियों की पहचान करने में मदद मिलेगी और इनके मालिकों को तत्काल पकड़ा जा सकेगा और ऐसे लापरवाह मवेशी मालिकों पर पहली बार सख्त जुर्माना लगाया जाना चाहिए और दुबारा पकड़े जाने पर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्यवाही पुलिस प्रशासन को करना चाहिए l
🟡 यातायात जगरूकता सप्ताह साल में एक बार नहीं करके हर माह यातायात जगरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए l