मंडला(मध्य प्रदेश)-: जिसे ‘टाइगर स्टेट’ के नाम से जाना जाता है, में बीते कुछ समय से बाघों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। हाल ही में एक और बाघिन की मौत की खबर सामने आई है। यह मामला मंडला जिले के कान्हा टाइगर रिजर्व का है, जहां एक बाघिन का शव मिलने से पार्क प्रशासन में हड़कंप मच गया।
किसली जोन में मिला 12-13 वर्ष की बाघिन का शव
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कान्हा टाइगर रिजर्व के किसली जोन स्थित चिमटा कैंप में 12 से 13 वर्ष की एक बाघिन मृत पाई गई। अधिकारियों के मुताबिक, बाघिन की मौत का कारण दो बाघों के बीच आपसी संघर्ष को बताया जा रहा है। शव परीक्षण के दौरान बाघिन के शरीर पर चोटों के निशान पाए गए, जिससे यह पुष्टि हुई कि संघर्ष के कारण ही उसकी मौत हुई। हालांकि, जांच में बाघिन के सभी अंग सुरक्षित पाए गए हैं।
लगातार हो रही बाघों की मौत चिंता का विषय
बाघिन की मौत से पहले भी कुछ ही दिनों पहले एक और बाघ की मौत हो चुकी थी। प्रदेश में लगातार हो रही बाघों की मौत ने वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरणविदों की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाघों के बीच क्षेत्रीय वर्चस्व की लड़ाई के कारण इस प्रकार की घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन, बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वन विभाग को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
वन विभाग ने शुरू की जांच
कान्हा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने बाघिन की मौत के बाद विस्तृत जांच शुरू कर दी है। पार्क प्रबंधन का कहना है कि बाघों की सुरक्षा के लिए गश्त और निगरानी बढ़ाई जाएगी। साथ ही वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या को संरक्षित करने के लिए सरकार और वन विभाग द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बाघों की लगातार हो रही मौतें एक गंभीर समस्या बनती जा रही हैं। ऐसे में वन्यजीव संरक्षण के लिए और अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।