प्रमोद कुमार पेंड्रा:- जिले को एनीमिया मुक्त बनाने की दिशा में चलाए जा रहे रक्तशक्ति महाअभियान के अंतर्गत धरहर ग्राम पंचायत में जागरूकता और स्वास्थ्य के प्रति महिलाओं का उत्साह देखने को मिला। ग्राम पंचायत भवन में आयोजित जांच शिविर में बड़ी संख्या में महिलाओं ने पहुंचकर हीमोग्लोबिन (HB) की जांच कराई और अपने स्वास्थ्य को लेकर सजगता दिखाई।
जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई इस अभिनव पहल का उद्देश्य 13 से 45 वर्ष की सभी महिलाओं की एनीमिया जांच कर उन्हें समय रहते उपचार उपलब्ध कराना है। यह अभियान विशेष रूप से महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया है, क्योंकि एनीमिया एक ऐसी समस्या है जो गर्भवती महिलाओं से लेकर किशोरियों तक में गंभीर स्वास्थ्य परिणामों का कारण बन सकती है।
धरहर गांव में दिखा उत्साह और सहभागिता
धरहर पंचायत में आयोजित शिविर में न केवल युवतियों बल्कि मध्यवय महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। स्वास्थ्य अमले द्वारा आधुनिक उपकरणों की मदद से हीमोग्लोबिन की जांच की गई। जिन महिलाओं में एनीमिया के लक्षण पाए गए, उन्हें आवश्यक दवाइयां दी गईं और पोषणयुक्त आहार के बारे में परामर्श भी दिया गया।
ग्रामीणों में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता
इस अभियान से गांवों में स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरूकता साफ तौर पर देखने को मिल रही है। धरहर की महिलाओं ने बताया कि उन्हें पहले कभी नहीं बताया गया कि शरीर में खून की कमी भी इतनी गंभीर समस्या बन सकती है। लेकिन अब प्रशासन की पहल से वे न केवल जांच करा पा रही हैं, बल्कि भविष्य में एनीमिया से बचने के उपाय भी समझ पा रही हैं।
स्वास्थ्य अमले की भूमिका सराहनीय
इस पूरे अभियान में स्वास्थ्य विभाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। उन्होंने न केवल घर-घर जाकर महिलाओं को शिविर के बारे में बताया बल्कि उन्हें जांच के लिए प्रेरित भी किया।
आगे भी जारी रहेगा अभियान
जिला प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि आने वाले दिनों में जिले के अन्य गांवों में भी इसी प्रकार के शिविर आयोजित किए जाएंगे। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक जिले में एनीमिया की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार न आ जाए।
नारी सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सुधार का संगम
रक्तशक्ति महाअभियान एक ओर जहां महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उन्हें आत्मनिर्भर और सजग बनाने में भी मदद कर रहा है। धरहर गांव की महिलाएं अब न सिर्फ अपने लिए बल्कि अगली पीढ़ी के लिए भी स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो रही हैं।