छत्तीसगढ़ रायपुर 1अप्रैल:– हाल ही में सोशल मीडिया पर समय बिताया है, तो आपने “घिबली फोटो” ट्रेंड जरूर देखा होगा। एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से लोग अपनी साधारण तस्वीरों को खूबसूरत एनीमेशन में बदल रहे हैं। यह ट्रेंड इतना लोकप्रिय हो गया है कि बॉलीवुड से लेकर आम लोग तक, हर कोई अपनी फोटो को “घिबली स्टाइल” में बदलकर पोस्ट कर रहा है।आखिर आप सोच रहे हैं कि घिबली आया कहा से तो आपको बता की घिबली जापान से आया गिब्ली का फाउंडर हायो मियाजाकी और उनके स्टूडियों Ghibli को जाता है।
सोशल मीडिया पर मचा घिबली का बुखार
इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर #Ghibli ट्रेंड कर रहा है। लोग अपनी एआई-जेनरेटेड घिबली तस्वीरें साझा कर रहे हैं और इस नए ट्रेंड का मजा ले रहे हैं। कई सितारों ने भी इस ट्रेंड को अपनाया है, जिससे यह और अधिक लोकप्रिय हो गया है।
कलाकारों के लिए मुसीबत बनी एआई घिबली
हालांकि, यह ट्रेंड सोशल मीडिया के लिए मनोरंजन भरा हो सकता है, लेकिन कई कलाकारों के लिए यह किसी बुरे सपने से कम नहीं है। पारंपरिक एनीमेशन आर्टिस्ट, पेंटर और डिजिटल कलाकार, जो वर्षों तक इस शैली में चित्र बनाने का अभ्यास करते हैं, अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
“पहले एक घिबली-शैली की पेंटिंग बनाने में घंटों लगते थे, अब एआई इसे कुछ सेकंड में कर देता है,” एक स्वतंत्र डिजिटल आर्टिस्ट ने शिकायत की।
कलात्मक मेहनत पर एआई की चोट
कलाकारों का मानना है कि जहां एक ओर एआई से लोगों को नया अनुभव मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर यह क्रिएटिव इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचा रहा है। पहले जिस कला के लिए महीनों की मेहनत लगती थी, उसे अब एक क्लिक में तैयार किया जा सकता है।
“हमने सालों तक मेहनत करके यह हुनर सीखा था, लेकिन अब एआई की वजह से हमारे काम की अहमियत कम हो रही है,” एक अनुभवी एनीमेशन आर्टिस्ट ने कहा।
तकनीक और कला के बीच बढ़ती खाई
तकनीक के बढ़ते प्रभाव ने जहां एक ओर रचनात्मकता के नए दरवाजे खोले हैं, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या भविष्य में कलाकारों की जरूरत भी रहेगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि “एआई को एक टूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह कला की जगह नहीं ले सकता।”
घिबली ट्रेंड: मस्ती या मुसीबत?
फिलहाल, सोशल मीडिया पर “घिबली ट्रेंड” धूम मचा रहा है। जहां लोग इसका आनंद ले रहे हैं, वहीं कई कलाकार इसके दुष्प्रभावों से चिंतित हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि एआई और कला का यह संघर्ष भविष्य में क्या मोड़ लेता है।
– विशेष रिपोर्ट
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