कवर्धा, 14 जुलाई 2025:-सावन मास के पहले सोमवार को आयोजित ऐतिहासिक भोरमदेव पदयात्रा इस वर्ष और भी विशेष बन गई, जब राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा पूर्व कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल परदेशी एवं मुंगेली कलेक्टर श्री कुंदन कुमार ने इसमें उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
दोनों अधिकारियों ने 18 किलोमीटर लंबी पदयात्रा श्रद्धा भाव से पूरी करते हुए बाबा भोरमदेव मंदिर पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं के साथ-साथ इन अधिकारियों की भागीदारी ने यात्रा को और भी प्रेरणादायक और ऊर्जावान बना दिया।
भोरमदेव पदयात्रा के सूत्रधार लौटे पुनः बाबा के दरबार
गौरतलब है कि सिद्धार्थ कोमल परदेशी कबीरधाम जिले के पूर्व कलेक्टर रह चुके हैं और उनके ही कार्यकाल में वर्ष 2008 में इस पदयात्रा परंपरा की औपचारिक शुरुआत हुई थी। वर्षों बाद इस ऐतिहासिक आयोजन में पुनः शामिल होकर उन्होंने बाबा भोरमदेव के चरणों में नमन किया और कहा:
“यह पदयात्रा सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि लोक आस्था और छत्तीसगढ़ी संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति है।”
भूतपूर्व सेवाएं, वर्तमान श्रद्धा
मुंगेली कलेक्टर श्री कुंदन कुमार, जिन्होंने पूर्व में कबीरधाम जिला पंचायत में भी सेवाएं दी हैं, उन्होंने भी पूरे उत्साह के साथ पदयात्रा की पूर्ण दूरी तय की। मंदिर पहुँचने पर उन्होंने विशेष पूजा की और कहा कि यह अनुभव उनके लिए आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर रहा।
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने पूरे परिवार के साथ की पदयात्रा
वर्तमान कबीरधाम कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने भी इस पदयात्रा में अपने परिवार सहित भाग लेकर भक्ति और प्रशासनिक सहभागिता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने श्रद्धा भाव से बाबा भोरमदेव के दर्शन कर विशेष पूजन किया।
अधिकारियों की सहभागिता बनी प्रेरणा
वरिष्ठ अधिकारियों की इस सहभागिता ने आम श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों में उत्साह और गौरव का संचार किया। लोगों ने कहा कि जब प्रशासन के उच्च पदस्थ अधिकारी खुद आस्था की इस राह पर चलकर उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, तो वह समाज में सकारात्मक ऊर्जा और परंपराओं के प्रति सम्मान को बढ़ावा देता है।