कबीरधाम बामी:- शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करते हुए प्रज्ञा ज्ञानोदय केंद्र, रक्से से 12 मेधावी विद्यार्थियों ने जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा में सफलता हासिल की है। यह सफलता गणित के वरिष्ठ व्याख्याता त्रिभुवन राम साहू के अथक परिश्रम और निःस्वार्थ शिक्षण सेवा का प्रतिफल है, जिन्होंने वर्षों से निःशुल्क कोचिंग प्रदान कर बच्चों को इस मुकाम तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शिक्षा की अलख जगा रहे हैं त्रिभुवन राम साहू
शासकीय हाई स्कूल बामी में पदस्थ गणित के व्याख्याता श्री त्रिभुवन राम साहू न केवल अपने विद्यालय में निष्ठा और समर्पण के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, बल्कि अपने बचे हुए समय का सदुपयोग कर ग्राम रक्से, विकासखंड सहसपुर लोहारा, जिला कबीरधाम में बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने का कार्य भी कर रहे हैं।
विगत कई वर्षों से वे जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क कोचिंग संचालित कर रहे हैं। उनकी इस मुहिम में श्री नंदकिशोर साहू (सोनू) भी समय-समय पर ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन में सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
60 विद्यार्थियों ने की नियमित तैयारी, 12 हुए सफल
इस वर्ष प्रज्ञा ज्ञानोदय केंद्र, रक्से की नि:शुल्क ऑनलाइन कक्षाओं से लगभग 60 विद्यार्थी अंतिम चरण तक नियमित रूप से जुड़े रहे। इन विद्यार्थियों ने पूरी निष्ठा और लगन से परीक्षा की तैयारी की, जिसका परिणाम यह रहा कि छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से 12 बच्चों का नवोदय विद्यालय में चयन हुआ।
चयनित विद्यार्थियों के नाम इस प्रकार हैं—
कबीरधाम जिला: गीतांश साहू, उर्मी पनिका (शहरी), तुषार यादव, मयंक साहू, वंदना पटेल एवं उत्कर्ष तारम
दुर्ग जिला: डिप्पी सिन्हा, लक्ष्य सिन्हा
बेमेतरा जिला: आहना मिर्जा
बिलासपुर जिला: आदर्श नेताम
बालोद जिला: युक्ति साहू
बालाघाट (मध्य प्रदेश): ऋषभ मरकाम
सफल विद्यार्थियों को शुभकामनाएं, असफल बच्चों को प्रोत्साहन
प्रज्ञा ज्ञानोदय केंद्र, रक्से के संचालक श्री त्रिभुवन राम साहू ने सफल विद्यार्थियों को उनकी मेहनत और लगन का परिणाम मिलने पर बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे इसी दृढ़ संकल्प और मेहनत के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखते हैं, तो वे निश्चित ही अपने सपनों को साकार करेंगे और अपने माता-पिता, गुरुजनों एवं प्रज्ञा ज्ञानोदय केंद्र का नाम रोशन करेंगे।
उन्होंने उन बच्चों को भी प्रोत्साहित किया जो इस बार चयनित नहीं हो सके। उन्होंने कहा—
“यह केवल सफलता की पहली सीढ़ी थी। अभी आगे और भी कई अवसर हैं। हार मानने की बजाय अपनी कमजोरियों को पहचानें, उन्हें दूर करें और दुगुने जोश से तैयारी में जुट जाएं। यदि आपने यहाँ ईमानदारी से पढ़ाई की है, तो वह कभी व्यर्थ नहीं जाएगी। सफलता निश्चित ही आपके कदम चूमेगी।”
प्रज्ञा ज्ञानोदय केंद्र: शिक्षा का निःस्वार्थ मंदिर
ग्राम रक्से स्थित प्रज्ञा ज्ञानोदय केंद्र सिर्फ एक कोचिंग संस्थान नहीं, बल्कि एक शिक्षा मंदिर बन चुका है, जहाँ नि:शुल्क ज्ञान प्राप्त कर कई छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता अर्जित कर रहे हैं। त्रिभुवन राम साहू का यह प्रयास शिक्षा के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है और समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
इस सफल आयोजन पर स्थानीय ग्रामीणों, अभिभावकों एवं शिक्षाविदों ने साहू के प्रयासों की सराहना की और इस पहल को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। यह उपलब्धि न केवल विद्यार्थियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह दर्शाती है कि यदि मार्गदर्शन सही हो, तो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने सा
कार किए जा सकते हैं।