नई दिल्ली, भारत मंडपम:- देश की राजधानी में आयोजित नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्ट्स (निफ़ा) के सिल्वर जुबली उत्सव में कवर्धा के समाजसेवी हरीश साहू ने इतिहास रच दिया। 21 से 24 सितंबर 2025 तक चले इस भव्य आयोजन में, 700 से अधिक जिलों से आईं सामाजिक संस्थाओं और उनके प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। इसी कड़ी में नई चमक रक्तदान समिति के जिलाध्यक्ष हरीश साहू को नेशनल अवार्ड और अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन और पुरस्कार वितरण समारोह 21 सितंबर को भारत मंडपम में हुआ। इस अवसर पर जापान, मॉरीशस, भारत और इंग्लैंड सहित 4 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। इंग्लैंड के राष्ट्रपति हेनरी आर. ने अपने देश की ओर से शुभकामनाएँ भेजते हुए, हरीश साहू को *वल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस का प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। साथ ही निफ़ा फाउंडेशन की ओर से उन्हें यंग कम्यूनिटी चैंपियन अवार्ड से नवाजा गया।
हरीश साहू: गांव से दिल्ली तक का प्रेरणादायी सफर
कवर्धा जिले के एक साधारण परिवार में जन्मे हरीश साहू ने अपने पिता सुदर्शन साहू से समाज सेवा की प्रेरणा ली। परिवार की मध्यम पृष्ठभूमि में पले-बढ़े हरीश ने हमेशा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का सपना देखा। इसी सोच के साथ उन्होंने *निरंतर रक्तदान अभियान, गौसेवा, घायल पशु-पक्षियों की देखभाल, वृद्धजनों की सेवा, सिकलसेल पीड़ित बच्चों को गोद लेकर रक्त उपलब्ध कराना और गरीब मरीजों को नि:शुल्क उपचार* जैसे कार्यों को एक आंदोलन की तरह आगे बढ़ाया।
इन्हीं सेवाभावी प्रयासों के चलते आज हरीश साहू न केवल प्रदेश, बल्कि देश और विदेश में भी अपनी अलग पहचान बना चुके हैं।
समाज सेवा बनी पहचान
हरीश साहू का मानना है कि यह सम्मान केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि पूरे समाज की जीत है। यह अवॉर्ड उन सच्ची कहानियों और संघर्षों का प्रतीक है, जिनसे प्रेरित होकर समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
भारत मंडपम में हुए इस सम्मान समारोह ने कवर्धा सहित पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया। गांव से शुरू होकर नेशनल अवॉर्ड विनर बनने तक का हरीश साहू का यह सफर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक **मिसाल** बन चुका है।







