पन्ना (मध्यप्रदेश):- चोरी की घटनाएं तो सुनी होंगी, लेकिन क्या कभी आपने ‘नाला चोरी’ होते देखा है? बुंदेलखंड के बमीठा ग्राम पंचायत में कुछ ऐसा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां अचानक नाले ही गायब हो गए। परेशान ग्रामीण महिलाएं तहसीलदार और एसडीएम कार्यालय पहुंचीं और गायब हुए नालों की खोजबीन की गुहार लगाई।
📍 क्या है पूरा मामला?
बुंदेलखंड क्षेत्र, जो अक्सर सूखा और कम बारिश की मार झेलता है, वहां इस बार हुई अचानक तेज बारिश ने बमीठा ग्राम पंचायत की पोल खोल दी। ग्राम पंचायत में अवैध प्लॉटिंग और निर्माण के चलते प्राकृतिक नालों पर कब्जा कर लिया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि बारिश का पानी निकासी न होने के कारण घरों में भर गया।
इस जलभराव से लोगों के बीच वाद-विवाद और मारपीट की नौबत आ गई। मामला थाने तक पहुंचा। अब जब गांव की महिलाएं नालों को ढूंढने तहसील पहुंचीं, तो तहसीलदार साहब पहले तो हँस पड़े, फिर बोले – “नाला गायब नहीं हुआ है, बारिश के कारण पानी भर गया था। स्थिति अब सामान्य है।”
🔍 प्रशासन का दावा बनाम ज़मीनी हकीकत
तहसीलदार ने बताया कि क्षेत्र में दो नाले हैं —
- एक पन्ना-बमीठा रोड पर,
- दूसरा बमीठा-खजुराहो रोड पर।
उनका कहना है कि मौके पर निरीक्षण भी किया गया है और निर्माणकर्ताओं को नोटिस भी जारी किए गए हैं। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने आंखें मूंद रखीं थीं, जिससे नाले पर कब्जे हो गए और आज गांव ‘बिना निकासी व्यवस्था’ के संकट से जूझ रहा है।
👩👩👧👧 महिलाओं की पहल बनी चर्चा का विषय
गांव की दर्जनों महिलाएं गायब हुए नालों की शिकायत लेकर जब तहसील पहुंचीं, तो यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया। लोगों ने व्यंग्य करते हुए लिखा –
“अब तो सरकार को नालों के लिए ‘लुकआउट नोटिस’ जारी करना पड़ेगा।”
📌 यह मामला क्यों गंभीर है?
- यह केवल नाला गायब होने का मसला नहीं है,
- यह गांवों में अनियोजित विकास, प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जे, और प्रशासनिक लापरवाही की एक बड़ी तस्वीर है।