विशेष संवाददाता महाराष्ट्र:- छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला की रहने वाली भुवनेश्वरी माता ने शक्ति, साधना और अटूट श्रद्धा की मिसाल पेश करते हुए माता भुवनेश्वरी ने 12 वर्षों तक कठोर तपस्या कर दिव्य साधना संपन्न की। संपर्क सूत्र:- 9589018010 इस कठिन तपस्या के बाद, वे अपने पति परमेश्वर संतोष के साथ महाराष्ट्र की शक्ति स्वरूपा मां महाकाली के दर्शन करने पहुंचीं। यह आध्यात्मिक यात्रा उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव रही, जिसमें उन्होंने देवी की कृपा प्राप्त कर स्वयं को धन्य महसूस किया।
12 वर्षों की घोर तपस्या
माता भुवनेश्वरी ने आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक उत्थान के लिए लगातार 12 वर्षों तक तपस्या की। इस अवधि में उन्होंने कठिन नियमों का पालन किया और पूरी निष्ठा के साथ अपने आराध्य देवी-देवताओं की उपासना की। इस कठोर तप से उन्होंने केवल आत्मबल ही नहीं बढ़ाया, बल्कि हजारों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक प्रेरणा भी दी।
महाराष्ट्र की देवी मां महाकाली के दर्शन
अपनी कठिन साधना पूर्ण होने के उपरांत, माता भुवनेश्वरी अपने पति परमेश्वर संतोष के साथ महाराष्ट्र स्थित मां महाकाली के मंदिर में दर्शन हेतु पहुंचीं। उन्होंने मां महाकाली की विशेष पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया और अपनी तपस्या को सफल बनाने के लिए देवी के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
श्रद्धालुओं के लिए बना प्रेरणा स्रोत
माता भुवनेश्वरी की इस अनोखी साधना और उनकी भक्ति की पराकाष्ठा ने अनगिनत श्रद्धालुओं को प्रेरित किया है। उनके तप और साधना की चर्चा दूर-दूर तक फैल चुकी है। इस विशेष अवसर पर मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों की उपस्थिति रही, जिन्होंने माता भुवनेश्वरी के साथ मिलकर देवी महाकाली की आराधना की।
आध्यात्मिक संदेश
इस अवसर पर माता भुवनेश्वरी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा—
“तपस्या, भक्ति और श्रद्धा से जीवन का हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। मां महाकाली की कृपा से मैंने अपनी 12 वर्षों की साधना को पूर्ण किया। मैं सभी भक्तों से यही कहना चाहूंगी कि सच्चे मन और समर्पण से यदि कोई साधना की जाए, तो देवी-देवता अवश्य कृपा करते हैं।”
मंदिर परिसर में भव्य आयोजन
माता भुवनेश्वरी के आगमन पर मंदिर समिति ने विशेष महाआरती और प्रसाद वितरण का आयोजन किया। इस अवसर पर भजन-कीर्तन के साथ-साथ देवी के महात्म्य का गुणगान भी किया गया। श्रद्धालुओं ने माता भुवनेश्वरी एवं परमेश्वर संतोष से आशीर्वाद लिया और भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त की।
श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह
मंदिर में मौजूद भक्तों ने माता भुवनेश्वरी की इस अद्भुत तपस्या को लेकर अपनी श्रद्धा प्रकट की। उन्होंने कहा कि 12 वर्षों की कठिन साधना करना कोई सामान्य बात नहीं है। माता भुवनेश्वरी की निष्ठा एवं समर्पण वास्तव में अद्भुत है और इससे सभी को भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
माता भुवनेश्वरी और परमेश्वर संतोष की यह आध्यात्मिक यात्रा न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणादायक घटना रही। उन्होंने यह सिद्ध किया कि भक्ति, तपस्या और श्रद्धा से हर कठिनाई पर विजय प्राप्त की जा सकती है। मां महाकाली के दर्शन के साथ उन्होंने अपनी साधना को सफल बनाते हुए समस्त भक्तों के लिए एक नया।