कवर्धा:- आज को नगर के दो सिद्धपीठ और एक आदिशक्ति देवी मंदिर से खप्पर निकाली जाएगी। देवांगन पारा स्थित मां चण्डी मंदिर, मां परमेश्वरी मंदिर और सत्ती वार्ड स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर से खप्पर निकाली जाएगी।

मध्यरात्रि 12.15 बजे मां दंतेश्वरी मंदिर से पहला खप्पर अगुवान की सुरक्षा में निकलेगा। इसके 10 मिनट बाद ही मां चण्डी से और फिर 10 मिनट के अंतराल में मां परमेश्वरी से खप्पर निकाली जाएगी, जो नगर भ्रमण करेगी। विभिन्न मार्गों से गुरजते हुए मोहल्लों में स्थापित 18 मंदिरों के देवी-देवताओं का विधिवत आह्वान किया जाता है।
दूर-दूर से दर्शन करते आते
अष्टमी की रात्रि शहर में मेला का माहौल रहता है। चूंकि अब खप्पर केवल कवर्धा तक सीमित है जिसके चलते ही देखने के लिए स्थानीय के अलावा गावों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते है। इसके अलावा रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, मुंगेली और मंडला जिला से भी लोग खप्पर देखने के लिए पहुंचते हैं।
पूर्व में काफी रौद्ररूप था
77 वर्षीय रमारानी मिश्रा का कहना है कि पांच दशक से भी पूर्व जो खप्पर का स्वरूप था वह काफी रौद्ररूप था। दर्शन करना तो बहुत दूर की बात थी, उनकी किलकारी की गूंज मात्र से बंद कमरे में लोग दहशत में आ जाते थे। बावजूद इसके धार्मिक भावना से प्रेरित होकर दरवाजों व खिड़कियों की पोल से पल भर के लिए दर्शन लाभ उठाते थे।







