इंदौर / शिलॉन्ग:- प्रसिद्ध ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई करते हुए शिलॉन्ग पुलिस ने गुरुवार को इस मामले के पांचों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने मामले की मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी और उसके सहयोगी राज कुशवाह को दो दिन की और पुलिस रिमांड में भेज दिया है, जबकि अन्य तीन आरोपी विशाल चौहान, आनंद कुर्मी और आकाश राजपूत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
परिवार ने रिमांड अवधि पर जताया असंतोष
इस फैसले से मृतक राजा रघुवंशी के परिवार में नाराज़गी देखी गई। राजा रघुवंशी के भाई विपिन रघुवंशी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी बहुत ही शातिर है और वह आठ दिन की पुलिस रिमांड में एक भी अहम जानकारी साझा नहीं कर पाई है। ऐसे में मात्र दो दिन की अतिरिक्त रिमांड से कोई नतीजा निकलने की उम्मीद कम है।
विपिन रघुवंशी ने कहा, “सोनम ने जिस तरह से इस हत्याकांड को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया है, उससे यह साफ है कि वह बहुत चालाक है। वह अब तक चुप्पी साधे हुए है। अगर नार्को टेस्ट कराया जाए, तो सच सामने आ सकता है।”
किसी बड़े व्यक्ति की संलिप्तता की आशंका
परिवार का मानना है कि इस हत्या के पीछे केवल पांच आरोपी नहीं, बल्कि किसी बड़े प्रभावशाली व्यक्ति का हाथ भी हो सकता है। यही कारण है कि सोनम अब तक चुप है और मामले में कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है।
विपिन रघुवंशी का कहना है, “यह मामला केवल पारिवारिक विवाद का नहीं हो सकता। जो भी लोग इस केस में शामिल हैं, उन सबकी गहराई से जांच होनी चाहिए।”
न्याय की मांग, गहराई से जांच की अपील
परिजनों ने शिलॉन्ग पुलिस से मांग की है कि सोनम रघुवंशी की रिमांड अवधि बढ़ाई जाए और उसका नार्को टेस्ट कराया जाए, जिससे यह पता लगाया जा सके कि हत्या की असल वजह क्या थी और किन-किन लोगों की इसमें संलिप्तता है।
परिवार का यह भी कहना है कि परिजनों और करीबी लोगों से भी पूछताछ की जानी चाहिए, ताकि किसी भी पहलू को नजरअंदाज न किया जा सके।
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि हत्या में शामिल आरोपी पहले से एक सोची-समझी साजिश के तहत काम कर रहे थे। इसमें सोनम रघुवंशी की भूमिका सबसे संदिग्ध मानी जा रही है, जो घटना के समय से ही पुलिस की निगरानी में थी।