बालोद (छत्तीसगढ़):-जिले के आमाडुला आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में खाद की किल्लत को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। पर्याप्त खाद न मिलने से नाराज किसानों ने समिति के गेट पर ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए।

📉 तीन पंचायतों के 900 किसान परेशान
इस समिति में तीन पंचायतों के लगभग 900 किसानों का पंजीयन है, लेकिन उन्हें उनकी जरूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल पा रहा।
- वर्तमान में उपलब्धता:
- यूरिया: 400 बोरी
- सुपर फास्फेट: 324 बोरी
- पोटाश: 191 बोरी
- यह मात्रा किसानों की संख्या के हिसाब से नितांत अपर्याप्त है।
✊ किसानों की मांग
धरना दे रहे किसानों की मांग है कि—
- समय पर और पर्याप्त खाद उपलब्ध कराया जाए
- फसल बर्बाद होने से पहले आपात आपूर्ति व्यवस्था की जाए
🏛️ विधानसभा में भी उठा मुद्दा
प्रदेश में बढ़ते खाद संकट पर विपक्ष ने विधानसभा के मानसून सत्र में स्थगन प्रस्ताव लाया था।
- नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा—
“किसान खाद संकट से आक्रोशित हैं, सरकार उन्हें राहत देने में नाकाम है।”
- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि—
“किसान दोगुने दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं।”
🌐 मंत्री ने मानी आपूर्ति में बाधा
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने स्वीकार किया कि—
- वैश्विक कारणों से खाद आपूर्ति प्रभावित हुई है
- फास्फेटिक खाद की सप्लाई में रुकावट है
- नैनो उर्वरकों को वैकल्पिक समाधान के रूप में प्रस्तुत किया गया है
📌 जमीनी हालात और विधानसभा की गूंज यह संकेत देती है कि प्रदेश में खाद की समस्या व्यापक है। जब तक किसानों को राहत नहीं मिलती, तब तक ऐसे विरोध प्रदर्शन जारी रह सकते हैं।







