रिपोर्टर मुकेश झा ( बलौदा बाजार)भवानीपुर:– ग्राम भवानीपुर से रिवाडीह तक लगभग 5 किलोमीटर लंबी सीसी सड़क अब पूरी तरह से गड्ढों और दलदल में तब्दील हो चुकी है। यह मार्ग भवानीपुर हाईस्कूल सहित चार गांवों की करीब 10 हजार की आबादी के लिए संपर्क का मुख्य जरिया है, लेकिन अब यह राहगीरों और स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए जोखिमभरा मार्ग बन गया है।

स्कूल नहीं पहुंच पा रहे छात्र
स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि बारिश के मौसम में स्कूली बच्चों का समय पर स्कूल पहुंचना तक संभव नहीं हो पाता। कई बार बच्चे गिरकर घायल हो चुके हैं, तो कई बार स्कूल ही नहीं जा पाए। इससे उनकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है।

रेत माफिया बना बर्बादी का कारण
यह सड़क मूल रूप से 9 टन भार क्षमता वाली थी, लेकिन 40-45 टन वजनी ओवरलोड हाइवा और डंपर लगातार इस मार्ग से गुजरते रहे, जिससे यह पूरी तरह टूट चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि चरौदा और बम्हनी रेत घाट से गैरकानूनी रूप से रेत की ढुलाई अब भी जारी है, जबकि घाट सरकारी रूप से बंद घोषित किए जा चुके हैं।
बजरी डालने की खानापूर्ति भी फेल
ग्रामीणों ने बताया कि रेत ठेकेदारों ने कभी-कभी सड़क पर बजरी डालकर अस्थायी मरम्मत करने का नाटक किया, लेकिन पहली ही बारिश में वह व्यवस्था ध्वस्त हो गई और पूरी सड़क गहरे दलदल में बदल गई।
-कोदवा-ससहा-देवसुंद्रा मार्ग की हालत भी चिंताजनक
कोदवा से देवसुंद्रा तक का 8 किलोमीटर लंबा पक्का मार्ग भी अब गड्ढों का जाल बन चुका है। यह मार्ग लगभग 25 हजार लोगों के लिए राजधानी से संपर्क का एकमात्र मुख्य रास्ता है। गाड़ाभाटा, टीला, दतान, सकरी, औरासी, बोरतरा, चुचरूंगपुर और गुमा जैसे गांव इसी मार्ग से जुड़े हुए हैं।
बारिश में गड्ढों में पानी भर जाने से वाहनों का निकलना जोखिमभरा हो गया है। पुराना निर्माण, समय पर मरम्मत नहीं और भारी वाहन ट्रैफिक इसकी मौजूदा दुर्दशा के मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने की प्रशासन से मांग
ग्रामीण सरपंच शालिक राम, जनपद सदस्य जनार्दन वर्मा, ओंकारेश्वर वर्मा, गोविंद कन्नौजे, अंजोरी यादव, खुलेश कन्नौज, महेश साहू और विष्णु साहू सहित कई स्थानीय नागरिकों ने बताया कि प्रशासन की अनदेखीके कारण उन्हें रोजाना खतरनाक रास्तों से गुजरना पड़ता है।







