रायपुर:-छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। सोमवार को ईडी रिमांड समाप्त होने के बाद उन्हें रायपुर की विशेष PMLA अदालत में पेश किया गया, जहां से अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
घोटाले में 2500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का आरोप
ईडी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 18 जुलाई 2025 को चैतन्य बघेल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह मामला एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू किया गया, जो भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 से संबंधित है।
ईडी की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इस शराब घोटाले से प्रदेश के खजाने को करीब ₹2,500 करोड़ का नुकसान हुआ। यह धनराशि शराब बिक्री से होने वाली अवैध आय के रूप में ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ (POC) के तौर पर आरोपियों तक पहुंचाई गई।
चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ की अवैध आय प्राप्त होने का आरोप
ईडी की जांच में सामने आया है कि चैतन्य बघेल को इस घोटाले से ₹16.70 करोड़ नगद प्राप्त हुए, जिन्हें उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए वैध दिखाने की कोशिश की।
बताया गया है कि उन्होंने यह राशि विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट में निवेश की, जिसमें त्रिलोक सिंह ढिल्लों की मदद से फर्जी फ्लैट बिक्री के माध्यम से 5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी प्राप्त की गई। ईडी ने बैंकिंग लेन-देन की पुष्टि करते हुए कहा कि ढिल्लों के खातों में शराब सिंडिकेट से संबंधित भुगतान प्राप्त हुए थे।
1000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के संचालन का आरोप
चैतन्य बघेल पर ₹1,000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति का संचालन करने का भी आरोप है। वह इस घोटाले से जुड़ी राशि को कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को स्थानांतरित करने में अनवर ढेबर और अन्य सहयोगियों के साथ समन्वय कर रहे थे।
ईडी के अनुसार, इस राशि को आगे बघेल परिवार के करीबी सहयोगियों के पास निवेश के लिए सौंपा गया। इसकी अंतिम गंतव्य और उपयोग की जांच अभी जारी है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है और कहा है कि यह भाजपा शासित केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष को दबाने की साजिश है। वहीं, राज्य सरकार ने कहा कि जांच पूरी तरह कानून के दायरे में हो रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
अगली सुनवाई और जांच की दिशा
ईडी द्वारा प्रस्तुत चार्जशीट और चैतन्य बघेल के रियल एस्टेट निवेश से जुड़े दस्तावेजों की अदालत समीक्षा करेगी। यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में घोटाले से जुड़े अन्य प्रमुख नामों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
📌 महत्वपूर्ण तथ्य संक्षेप में:
बिंदु | विवरण |
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गिरफ्तारी की तारीख | 18 जुलाई 2025 |
गिरफ्तारी का आधार | PMLA, 2002 के तहत |