रायपुर:- छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बढ़ती अनुशासनहीनता को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने प्रदेश संगठन पर तीखे तेवर दिखाए। रविवार को रायपुर स्थित राजीव भवन में आयोजित कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में उन्होंने अनुशासनहीनता के मामलों पर कार्रवाई न होने को लेकर पीसीसी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को सीधे कटघरे में खड़ा कर दिया।
बैठक में पसरा सन्नाटा, भूपेश ने लगाए कड़े सवाल
प्रभारी महासचिव सचिन पायलट की उपस्थिति में जैसे ही पूर्व सीएम भूपेश बघेल को बोलने का अवसर मिला, वे खुलकर सामने आए और कहा – “जो लोग पार्टी लाइन से हटकर सार्वजनिक मंचों पर अनुशासन की सीमा लांघते हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उल्टा प्रदेश अध्यक्ष उन्हीं के घर चाय पीने चले जाते हैं।” उनके इस बयान से बैठक में एक पल के लिए सन्नाटा छा गया।
उन्होंने राजनांदगांव के एक पदाधिकारी का उल्लेख करते हुए कहा कि वह खुलेआम पार्टी और नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करता है, यहां तक कि मेरे खिलाफ भी उसने टिप्पणियां कीं, लेकिन संगठन ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की।
सचिन पायलट ने किया समर्थन, दिए कार्रवाई के निर्देश
भूपेश बघेल के तीखे तेवरों का समर्थन करते हुए प्रभारी महासचिव सचिन पायलट ने भी संगठन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा – “अनुशासनहीनता पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। यह गलत परंपरा बन रही है।” साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि जल्द से जल्द अनुशासन समिति को सक्रिय किया जाए और ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई हो।
अनुशासन समिति पहले से है मौजूद, मगर कार्यवाही नहीं
पायलट के निर्देश के बाद कई नेताओं ने बताया कि धनेन्द्र साहू पहले से ही अनुशासन समिति के अध्यक्ष हैं। इस पर पायलट ने जानकारी ली कि समिति के पास अब तक कितने प्रकरण आए हैं। इस पर धनेन्द्र साहू ने बताया कि पीसीसी से उन्हें कोई भी अनुशासनहीनता से जुड़ा मामला भेजा ही नहीं गया है, ऐसे में समिति कार्रवाई कैसे करे।
संगठन पर गंभीर सवाल, अनुशासन पर फिर होगी सख्ती?
बैठक में उठे सवालों और पायलट के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस संगठन में एक बार फिर अनुशासन व्यवस्था को लेकर चर्चा तेज हो गई है। अब देखना होगा कि क्या वास्तव में संगठन अनुशासन पर सख्त रुख अपनाएगा या यह मामला भी भविष्य की बैठकों तक सीमित रह जाएगा।
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