कबीरधाम:- पीजी कॉलेज में वार्षिक उत्सव समारोह का आयोजन इस वर्ष नहीं हो पा रहा है, जिससे छात्रों में नाराजगी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की नगर इकाई ने इस मामले को लेकर आज कॉलेज प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। अभाविप ने आरोप लगाया कि कॉलेज में हुए फंड घोटाले के कारण वार्षिक उत्सव समेत कई शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियां बाधित हो गई हैं।
55 लाख के घोटाले से ठप पड़ी कॉलेज की गतिविधियां
जिला संयोजक गजाधर वर्मा ने बताया कि पीजी कॉलेज जिले का अग्रणी महाविद्यालय है, जहां प्रत्येक वर्ष वार्षिकोत्सव का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता था। लेकिन इस वर्ष कॉलेज प्रशासन ने फंड की कमी का हवाला देते हुए कार्यक्रम आयोजित करने से इनकार कर दिया है।
गजाधर वर्मा ने कहा, “कुछ महीने पहले कॉलेज में जनभागीदारी मत के तहत एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ था। विद्यार्थी परिषद ने इस भ्रष्टाचार को उजागर किया, लेकिन अब तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मुख्य आरोपी प्रमोद वर्मा को सत्ता और पैसे के बल पर दूसरे कॉलेज में अटैच कर दिया गया, जबकि इस घोटाले में कॉलेज के 55 लाख रुपए गबन किए गए।”
इस घोटाले के कारण न केवल वार्षिकोत्सव प्रभावित हुआ है, बल्कि कॉलेज में चलने वाली अन्य गतिविधियां भी ठप हो गई हैं। जनभागीदारी मत से पढ़ाने वाले शिक्षकों को अब तक वेतन भी नहीं मिला है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
कड़ी कार्रवाई की मांग, नहीं तो होगा आंदोलन
महाविद्यालय प्रमुख उदय तिवारी ने कहा कि अभाविप ने फिलहाल कॉलेज प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है, लेकिन यदि जल्द ही वार्षिक उत्सव का आयोजन सुनिश्चित नहीं किया जाता, तो विद्यार्थी परिषद बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
“यदि वार्षिकोत्सव नहीं कराया गया तो विद्यार्थी परिषद कॉलेज का घेराव करेगी। इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी वर्तमान सरकार और प्रशासन की होगी, जो दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है,” तिवारी ने चेतावनी दी।
विद्यार्थी परिषद के इस कदम से छात्रों में जागरूकता बढ़ी है और वे भी कॉलेज प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और वार्षिक उत्सव का आयोजन हो पाता है या नहीं।