कवर्धा (कबीरधाम):- जिले के जिला अस्पताल से एक बेहद चौंकाने वाली और दर्दनाक घटना सामने आई है। पंडरिया क्षेत्र से प्रसव के लिए लाई गई महिला के नवजात शिशु की मौत सोमवार को रूटीन टीकाकरण के कुछ ही समय बाद हो गई। घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई और शोकाकुल परिजनों ने चिकित्सा कर्मचारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
पहला संतान, तीन दिन का था नवजात
जानकारी के अनुसार, मृत शिशु की मां सोना निर्मलकर हैं, जिनकी शादी को सात साल हो चुके हैं। यह उनका पहला संतान था, जो शनिवार को ऑपरेशन के जरिए जिला अस्पताल में जन्मा था। तीन दिन का यह नवजात पूर्ण रूप से स्वस्थ था और मां की गोद में सामान्य व्यवहार कर रहा था।
परिजनों का दावा है कि सोमवार को जब बच्चे को नियमित टीकाकरण के लिए ले जाया गया, तो कुछ देर बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उपचार के अभाव और समय पर चिकित्सा नहीं मिलने के कारण शिशु ने दम तोड़ दिया।
परिजनों का आरोप—बच्चा टीका लगवाने के बाद ही अस्वस्थ हुआ
परिजनों का कहना है कि टीकाकरण के तुरंत बाद शिशु को सांस लेने में तकलीफ होने लगी और कुछ ही देर में उसकी धड़कनें थम गईं। आरोप है कि अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और समय पर आवश्यक चिकित्सा सहायता नहीं दी गई, जिससे बच्चे की जान नहीं बच पाई।
अस्पताल में परिजनों का हंगामा, न्याय की मांग
शिशु की असामयिक मृत्यु के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और जिम्मेदार डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। दुख और आक्रोश के बीच परिवार ने यह भी कहा कि वे इस मामले को कलेक्टर और स्वास्थ्य मंत्री तक ले जाएंगे ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसा दर्द न सहना पड़े।
सीएस से संपर्क असफल, जांच की बात कह रहा प्रशासन
इस मामले में जब हमारे संवाददाता ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएस) डॉ. केशव ध्रुव से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनका मोबाइल फोन बंद मिला। खबर लिखे जाने तक उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
उधर, अस्पताल प्रबंधन की ओर से यह कहा गया है कि घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है और पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। साथ ही, मामले में लापरवाही हुई या नहीं, इस पर अंतिम निष्कर्ष जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट किया जा सकेगा।
बड़ी लापरवाही या दुर्भाग्यपूर्ण संयोग? जांच के बाद होगा स्पष्ट
इस हृदयविदारक घटना ने जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली और टीकाकरण प्रक्रिया की निगरानी व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जब एक स्वस्थ नवजात मात्र टीकाकरण के बाद दम तोड़ देता है, तो यह न केवल चिकित्सा प्रणाली की विफलता है, बल्कि माता-पिता की उम्मीदों पर भी गहरा आघात है।
अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा या यह घटना भी जांच के नाम पर फाइलों में दफ्न हो जाएगी।