कवर्धा:- चैत्र नवरात्रि, जो चैत्र मास में आती है, वसंत ऋतु के आगमन और हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह नौ दिनों का त्योहार है जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
वसंत और नवीकरण:
चैत्र नवरात्रि वसंत ऋतु के आगमन और प्रकृति में नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है।
हिन्दू नव वर्ष:
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है।
माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा:
नौ दिनों तक, भक्त मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं।
सांस्कृतिक और क्षेत्रीय महत्व:
चैत्र नवरात्रि का अपना सांस्कृतिक और क्षेत्रीय महत्व है।
राम नवमी:
चैत्र नवरात्रि भगवान राम के जन्मदिन, राम नवमी के साथ समाप्त होती है, जो उत्सव में भक्ति की परत जोड़ती है।
आध्यात्मिक नवीनीकरण:
चैत्र नवरात्रि को आध्यात्मिक नवीनीकरण, शुद्धिकरण और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक शुभ समय माना जाता है।
अंधकार पर प्रकाश की जीत:
यह अंधकार पर प्रकाश की, अधर्म पर धर्म की और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है।
रंग:
नवरात्रि का हर दिन एक खास रंग से जुड़ा होता है, भक्तजन श्रद्धा और भक्ति के प्रतीक के रूप में उस दिन के रंग के अनुरूप पोशाक पहनते हैं
व्रत और पूजा:
चैत्र नवरात्रि में व्रत रखने और पूजा करने की परंपरा है
मानसिक सुकून:
यह पर्व शरीर और आत्मा की शुद्धि का पर्व है, जिससे मानसिक सुकून मिलता है