हरदा मध्यप्रदेश:-;हरदा जिले की सिराली तहसील के वनग्राम रतनपुर क्षेत्र के ग्राम मगरधा के बच्चों की जिंदगी पर हर दिन खतरा मंडरा रहा है। यहां शिक्षा पाने के लिए स्कूली बच्चों को रोजाना माचक नदी पार करनी पड़ती है। गांव में केवल पांचवी तक स्कूल है, लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को नदी पार कर मगरधा जाना पड़ता है।
बच्चे मजबूरी में जर्जर नाव का सहारा लेते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस नाव में जगह-जगह छेद हो गए हैं, जिससे पानी भरने लगता है और बच्चों का सफर हर दिन मौत से खेलने जैसा हो जाता है। यह स्थिति कई सालों से बनी हुई है, लेकिन प्रशासन और सरकार की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है।
उन्होंने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से सुरक्षित पुल बनाने की मांग की, मगर आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह लापरवाही किसी भी वक्त बड़ा हादसा करा सकती है।
इस गंभीर मामले पर जयस के पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश ककोडिया ने भी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने साफ कहा कि सरकार शिक्षा और सुरक्षा की बात करती है, लेकिन हकीकत यह है कि आदिवासी इलाकों में बच्चों को जिंदगी दांव पर लगाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन तुरंत पुल निर्माण की दिशा में कदम नहीं उठाता तो ग्रामीणों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
जब सरकार करोड़ों रुपये की योजनाओं और घोषणाओं का ढिंढोरा पीटती है, तो फिर इन मासूम बच्चों की जिंदगी की सुरक्षा क्यों नहीं कर पा रही है क्या आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों की जान सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखती