मंडला (मध्यप्रदेश):-रक्षाबंधन का त्योहार जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है, वैसे-वैसे तैयारियों में भी तेजी आ गई है। मध्यप्रदेश के मंडला जिले की महिलाओं ने इस बार रक्षाबंधन को एक नया आयाम दिया है। यहां ग्रामीण विकास एवं महिला उत्थान संस्थान के मार्गदर्शन में स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने पारंपरिक गोंडी चित्रकला से सजी हस्तनिर्मित राखियाँ तैयार की हैं।_
गोंडी कला को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय GI टैग भी प्राप्त हुआ है। यह कला गोंड जनजातियों में सदियों से चली आ रही है, जिसमें प्रकृति, जीव-जंतु और जनजातीय संस्कृति की गहरी छाप देखने को मिलती है।
इस अवसर पर अंकिता मरावी, जिला प्रबंधक (ग्रामीण आजीविका मिशन) ने बताया कि इस पहल से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है और स्थानीय कला को भी नई पहचान मिल रही है।
लाभार्थी महिला सुमन बंदेवार ने बताया कि गोंडी पेंटिंग के जरिए राखियाँ बनाना उनके लिए एक सम्मान की बात है और इससे आर्थिक सहायता भी प्राप्त हो रही है।
इन राखियों को बाजार में बेचने की भी तैयारी की जा रही है ताकि यह कला अधिक लोगों तक पहुँच सके और बहनों का यह तोहफा भाइयों की कलाई पर परंपरा और प्रेम का संदेश बन सके।
मंडला की यह पहल न केवल महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है, बल्कि भारतीय जनजातीय कला को दुनिया के सामने लाने का भी सार्थक प्रयास है।