ग्वालियर:- मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। एक नेत्रहीन युवक ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अपने साथ हुए अत्याचार की न्यायिक गुहार लगाई। युवक का आरोप है कि मोहल्ले में रहने वाले शराबी पिता-पुत्र ने उस पर तेजाब जैसे किसी केमिकल से हमला कर उसकी आंखें छीन लीं।
😢 “मेरी दुनिया अंधेरे में धकेल दी गई है”
पीड़ित युवक की आवाज में दर्द साफ झलक रहा था। उसने अधिकारियों को बताया,
“मैं डेढ़ महीने से थाने के चक्कर काट रहा हूं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। जिसने मेरी रोशनी छीन ली, वो आज भी आज़ाद घूम रहे हैं।”
युवक ने कहा कि उसने कई बार स्थानीय थाना में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन ना तो FIR दर्ज की गई, ना ही आरोपी पिता-पुत्र को हिरासत में लिया गया।
👮 क्या कहा पुलिस ने?
एसपी ऑफिस पहुंचे युवक की शिकायत पर वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पुलिस ने कहा है कि
“मामला हमारे संज्ञान में आ गया है, निष्पक्ष जांच कर आरोपियों के खिलाफ उचित कदम उठाया जाएगा।”
⚖️ न्याय का सवाल और व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने कानून व्यवस्था, पीड़ित के अधिकार, और पुलिस की निष्क्रियता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
- क्या एक नेत्रहीन युवक को न्याय पाने के लिए इतना संघर्ष करना पड़ेगा?
- डेढ़ महीने बाद भी FIR न होना, क्या यह लापरवाही नहीं है?
- तेजाब जैसे केमिकल से हमला करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है, फिर कार्रवाई में देरी क्यों?
🧑⚖️ कानूनी विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
- IPC की धारा 326A (एसिड अटैक) के अंतर्गत यह अपराध गंभीरतम माना जाता है और इसके तहत 10 साल से आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
- यदि पीड़ित नेत्रहीन हो गया है, तो यह मामला और अधिक गंभीर श्रेणी में आता है।
🕯️ समाज के लिए संदेश:
यह सिर्फ एक युवक की आंखों की बात नहीं है, यह व्यवस्था की आंखें बंद होने की तस्वीर है। सवाल अब सिर्फ अपराध का नहीं है, बल्कि उस पीड़ित की उम्मीदों और इंसाफ पर भरोसे का भी है।