कबीरधाम:- श्रावण मास का आगमन होते ही भगवान शिव के भक्तों में गहरी आस्था और भक्ति का भाव उमड़ पड़ता है। इसी भक्ति भाव से ओत-प्रोत कबीरधाम जिले के शिवभक्तों का एक जत्था इस बार भी पवित्र गंगाजल लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम की ओर रवाना हुआ है। युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष तुकाराम चंद्रवंशी के नेतृत्व में 27 सदस्यीय श्रद्धालुओं की टोली 105 किलोमीटर लंबी कांवड़ यात्रा पर निकली है। यह यात्रा जिलेवासियों की सुख, शांति और समृद्धि की कामना के साथ आरंभ हुई है।
धार्मिक आस्था और सामाजिक समर्पण का अनूठा संगम
श्रावण मास में मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक, मण्डला और अन्य पावन स्थलों से जल लेकर देश भर के शिवभक्त शिवधामों की ओर कांवड़ लेकर रवाना होते हैं। कबीरधाम जिले से यह कांवड़ यात्रा 18 जुलाई को शुरू हुई, जिसकी अगुवाई भोरमदेव बोल बम समिति के संयोजक रवि शर्मा कर रहे हैं। यात्रा के दूसरे दिन रविवार को श्रद्धालुओं ने करीब 35 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा पूर्ण कर ली है।
तुकाराम चंद्रवंशी ने यात्रा के संबंध में बताया कि यह न केवल धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह समाज में भाईचारा, समर्पण और सहयोग की भावना का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक कर वे क्षेत्रवासियों के लिए सुख-शांति, समृद्धि और मंगल की कामना करेंगे। यह यात्रा धर्म, सेवा और संकल्प का सशक्त संदेश लेकर आगे बढ़ रही है।
समाज के विभिन्न वर्गों की सहभागिता
इस वर्ष की कांवड़ यात्रा में कबीरधाम जिले के कई गणमान्य और युवा शिवभक्त भी शामिल हुए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से –
नीलमणी चंद्रवंशी, अनिल वर्मा, धरमपाल आहूजा, लोकेश देवांगन, दिनेश शर्मा, मनोज गुप्ता, मनोज तिवारी, मोपाल ठाकुर, राकेश चंद्रवंशी, आशीष चंद्रवंशी, विशु चंद्रवंशी, खिलेंद्र चंद्रवंशी, अवधेश ठाकुर, पुखराज देवांगन, बिजेंद्र भारती सहित कुल 27 श्रद्धालु शामिल हैं।
यात्रा मार्ग में जगह-जगह स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा श्रद्धालुओं का गर्मजोशी से स्वागत किया जा रहा है। लोगों ने भक्ति भाव से यात्रियों को फल, जल व आराम की व्यवस्था कराई, जिससे जन-जन में धार्मिक समरसता और सौहार्द का वातावरण बना हुआ है।
जलाभिषेक के साथ होगा संकल्प का पूर्णाहुति
यह भक्ति यात्रा आगामी दिनों में बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचकर जलाभिषेक के साथ अपने संकल्प की पूर्णाहुति करेगी। तुकाराम चंद्रवंशी ने कहा कि यह यात्रा व्यक्तिगत भक्ति से कहीं अधिक एक सामाजिक पहल और जनहित की भावना** से प्रेरित है।
कांवड़ यात्रा की यह परंपरा न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा से भरती है, बल्कि जनमानस को जोड़ने और समाज में सकारात्मकता फैलाने का कार्य भी करती है। यात्रा के सफल आयोजन के लिए जिलेवासियों और सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया गया।