रायपुर, 20 जुलाई-छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए चैतन्य बघेल से मिलने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने परिवार के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे। इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “बेवजह मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है, लेकिन हम यह लड़ाई जारी रखेंगे।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि चैतन्य की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही सबसे पहले राहुल गांधी और उसके बाद प्रियंका गांधी ने फोन कर परिवार को समर्थन जताया। उन्होंने कहा, “मैंने अपने बेटे से कहा कि अगर आज तुम्हारे दादा (स्वर्गीय नंदकुमार बघेल) जीवित होते, तो वे इस स्थिति पर गर्व करते, क्योंकि वे भी कई मुद्दों पर जेल जाते रहे हैं।”
भूपेश बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि कई गवाहों पर उनके और उनके बेटे का नाम लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
ईडी की ओर से जारी बयान में दावा किया गया है कि चैतन्य बघेल से जुड़ी कंपनियों को कथित शराब घोटाले से अर्जित लगभग 17 करोड़ रुपये की “अपराध आय” प्राप्त हुई है। एजेंसी के मुताबिक, इस घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 3,200 करोड़ रुपये शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में पहुंचे हैं। ईडी करीब 1,070 करोड़ रुपये की संदिग्ध धनराशि की जांच कर रही है जिसमें चैतन्य बघेल की भूमिका को भी खंगाला जा रहा है।
इधर चैतन्य की गिरफ्तारी के विरोध में युवा कांग्रेस, एनएसयूआई सहित कांग्रेस के कार्यकर्ता राजीव गांधी चौक पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के ईडी कार्यालय आने की सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।